आमलकी एकादशी पर आँवले के उपाय ।
pandit pardeep mishra ji ke upay
श्री शिवाय नमस्तुभयम हर हर महादेव
आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा करने का विधान है क्योंकि इस दिन भगवान शिव विवाह के बाद काशी में मां गौरी को लेकर के आए थे ।। और उनका स्वागत गुलाल ओर पुष्प से किया था ।।
आमलकी एकादशी की प्राचीन कथा के अनुसार ।। ब्रह्मा जी ने सोचा कि मेरी उत्पत्ति कैसे हुई इसलिए भी ध्यान में बैठ गए और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर के उनके सामने आए तब भगवान ब्रह्मा जी के आंखों में आंसू आ गए और भगवान विष्णु के चरण पर वे आंसू गिर पड़े और वहां पर आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ ।।
तभी भगवान विष्णु कहा जो कोई आमलकी एकादशी का व्रत रखेगा उसके जीवन से मैं हर संकट को हर लूंगा ।।
आमलकी एकादशी पर कुछ उपाय शुरू करना चाहिए जैसे आंवले का दान आंवले का सेवन आंवले के वृक्ष की पूजा आंवले के वृक्ष के वहां पर आपको स्वास्तिक बनाना चाहिए आंवले के वृक्ष के वहां पर आपको घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए आमला की एकादशी पर भगवान विष्णु को आज के दिन 21 फूल पीले पुष्प अर्पित करनी चाहिए ।।
साल की केवल एक ही एकादशी ऐसी होती है जिसमें भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है भगवान विष्णु का आप पूजन करें घर में ही एक पाठ पर पीला वस्त्र बिछाकर के भगवान विष्णु की तस्वीर रखें और उन्हें पीले हल्दी से आपको तिलक करना है और उनके सामने विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना है साथ ही साथ ओम नमो भगवते वासुदेवाय का ज्यादा से ज्यादा जाप करना चाहिए भगवान विष्णु को आज के दिन भोग में आपको आंवले रखने चाहिए साथ ही साथ भगवान विष्णु को प्रणाम करें और जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें आज के दिन जो भी आप भोग लगाते हैं आंवले का लगाएं तो आपको तुलसीदल अवश्य मिलाना ।।
