Gupt Navratri 2022 : अष्टमी नवमी पर गुप्त रूप से रात में बना दे हल्दी वाले स्वास्तिक

Kushal Bhansali
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गुप्त नवरात्रि : अष्टमी नवमी पर गुप्त रूप से रात में बना दे हल्दी वाले स्वास्तिक 


 श्री शिवाय नमःस्तुभ्यम् ।। अष्टमी नवमी पर। हल्दी का स्वास्तिक ।।

Gupt Navratri 2022 : अष्टमी नवमी पर गुप्त रूप से रात में बना दे हल्दी वाले स्वास्तिक
Gupt Navratri 2022 : अष्टमी नवमी पर गुप्त रूप से रात में बना दे हल्दी वाले स्वास्तिक 



हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है ।  लेकिन जब गुप्त नवरात्रि आती है तब गुप्त रूप से मां भगवती की आराधना, साधना, मंत्रों के जाप, उपासना हमें करनी चाहिए । शिवपुराण के अद्भुत रहस्य में जब मां भगवती पार्वती आदिशक्ति का वर्णन मिलता है तब हमें पता चलता है कि मां हमारे जीवन को कितना प्रभावित करती है । यदि आप आपके घर के कुल देवी को नहीं मानते हैं या आप उनसे अनजान हैं तो सबसे पहले आप आपके घर के कुल देवी को मानना शुरू कर दें ।।


 देखा जाता है कि नवरात्रि जब गुप्त रूप से आती है तब गुप्त रूप से क्रियाएं करनी चाहिए  । कहीं तांत्रिक , कहीं सिद्ध क्रिया ,  कहीं अघोरी क्रिया ,  मां को प्रसन्न करने के लिए निरंतर मंत्रों का जाप, हवन क्रियाएं करते हैं ।। 


 लगभग भारत में सनातन धर्म के सच्चे आराधक मां की भक्ति साधना माघ मास में आने वाली नवरात्रि में करते हैं कोई भी मन की मनोकामना हो ,कोई भी मन की इच्छा हो,  वह आप पूर्ण कर सकते हैं  ।। 


मां के दिव्य मंत्र का जाप करके हर एक व्यक्ति किसी न किसी शक्ति से जुड़ा होता है । आपकी मां जो आपको शक्ति देती है । कोई शेरावाली को मानता है  - तो कोई मां दुर्गा को मानता है कोई मां सरस्वती को मानता है - तो कोई मां लक्ष्मी को मानता है- या कोई अपनी कुल देवी देवताओं को मानता है । इन सभी की आराधना हम गुप्त नवरात्रि में कर सकते हैं आपके यहां पर कोई भी समस्या हो उनको दूर करने के लिए नवरात्रि पावन होती है ।



चलिए जानते हैं कि नवरात्रि में जब हम मंत्र का जाप करते हैं तो हमें किस चीज का विशेष का ध्यान रखना चाहिए ।। देखिए अष्टमी और नवमी यह जो दो तिथि हैं यह इस बार 8 फरवरी 9 फरवरी को अष्टमी रहेगी और नवमी जो तिथि रहेगी वह 10 तारीख को रहेगी ।।


 10 तारीख तक आप की नवरात्रि रहेगी तो आप यह जो उपाय हैं। ये आठ, नौ , दस तीनों दिन कर सकते हैं । आपको करना यह है कि आपके घर के मुख्य द्वार पर रात्रि काल में यानी के सूर्यास्त के बाद रात्रि में 10:00 बजे के बाद आपको आपका घर का गेट जो है वह खुला रखना है और आप वहां पर हल्दी का 1  स्वास्तिक बनाएंगे , साबुत चावल उस पर करे और साथ ही साथ एक स्वास्तिक आप तुलसी जी के वहां पर बनाएंगे , एक स्वास्तिक आप आपके घर के अन्नपूर्णा वाले स्थान पर , माँ अन्नपूर्णा का ध्यान करते हुए आपको बनाना है । अन्नपूर्णा आपके घर में अन्य की कोई कमी नहीं रखी साथ ही साथ आपको घर के मंदिर में एक स्वास्तिक बनाना है और आप जहां पर ध्यान रखते हैं वहां पर आपको स्वास्तिक बनाना है ।



 पांच स्थानों पर आपको पांच हल्दी के स्वास्तिक बनाना है गुप्त नवरात्रि में तीनों दिन भी बना सकते हैं या 1 दिन भी आप बना सकते हैं उसके बाद घर के ईशान कोण में एक दीपक जला कर के पूर्व की दिशा की ओर मुख करके मां के मंत्रों का जाप करना चाहिए ।


आपके कुलदेवी का मंत्रों का जाप करना चाहिए , मां दुर्गा भगवती का जाप करना चाहिए , जो भी आदिशक्ति आपको दिल से आपको मन से अच्छी लगती हो उन माता का आपको जाप करना चाहिए ।।


 जिन माता के दर्शन से आपको एहसास होता है कि आपके हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं तो ऐसी माता का आपको स्मरण करना चाहिए ।



श्री शिवाय नमःस्तुभ्यम्

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